पाषाण काल वह काल -मानव जीवन का वह काल है जब मानव जीवन पत्थरों पर अत्यधिक आश्रित रहते थे पत्थरो की गुफाओं में रहना ,तथा पथरो से अपना शिकार करना ,पत्थरो से आग जालना और भी बहुत से कारण है | इनके कई चरण है पर परन्तु इनके तीन चरण प्रमुख है ,जैसे -पूरणपाषण काल ,मध्यपाषाण काल,एवं नवपाषाण काल जो मानव जीवन से लेकर कांस्य युग तक फैला हुआ है |
पुराणकाल- २५ -२० लाख साल से १२००० साल पूर्व तक भारतमें इसके अवशेष सोहन ,बेलन तथा नर्मदा नदी घाटी से प्राप्त हुई हैं | भोपाल के पास भीमबेटका नामक चित्रित गुफाएँ ,शैलाश्रय तथा अनेक कलाकृतिया प्राप्त हुए हैं | विशिष्ट उपकरण -कुल्हाड़ी क्लीवर और स्क्रेपर यदि |
महाराष्ट के बोरी नमक से जिन तथ्यों की रिपोर्ट मिली जानकारी के अनुसार मानव की उपस्थिति और भी पहले १४ बी साल वर्ष पूर्व मानी जा सकती है |
मध्य पाषाण काल -१२०००० साल से लेकर २०००० साल पूर्व तक इस युग को लघुपाशन युग भी कहा है |
इस काल में अग्नि का अविष्कार हुआ था | इस काल की बस्तिया उत्तरप्रदेश है |
नवपाषाण काल -नवपाषाण काल जिसकी शुरुआत में ९५०० ई.पू. के आसपास हुए थी जिसे पारम्परिक रूप से पाषाण युग की अंतिम हिस्सा माना जाता है | अनेक प्रकार के की नियोलिथिक कलाकृति जिनमे ,कंगन ,कुल्हाड़ी का सिरा छेनी और चमकाने वाले उपकरण शामिल है |नवपाषाण काल में ही कृषि की शुरुआत के साथ हुआ और इसने नियोलिथिक क्रांति को जन्म दिया इसका अंत भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर धातु औजारों के ताम्र युग या कांस्य युग में सर्वव्यापी होने या सीधे लौह युग में विकसित होने के साथ हुआ | यह व्यावहारिक और संस्क्तिति विशेषताओं का एक समूह है जिसमे जंगली और घरेलु फसलों का उपयोग पालतू जानवरो जानवरों का इस्तेमाल शामिल है |
इक्कीसवी सदी में ९४०० ई.पू. में जेरिको के एक मकान में अंजीर के अवशेषों का पता चला ,ये उत्परिवत किस्म के अंजीर है जिनका कीड़ों द्वारा परागण नहीं किया जा सकता है और इसलिए केवल कटाई द्वारा ही पेड़ों को फिर से उगाया जा सकता है |
इससे यह साबित का पता चलता है की अंजीर पहली कृषि फसल थी जो खेतो की तकनीक के अविष्कार को चिन्हित करता है ,यह अनाजों की पहली खेती से सदियों पहले की बात है | काफी हद तह नैचुफियन के मकानों की तरह एकल कमरों वाले गोलाकार मकानों के साथ बस्तियां और स्थायी हो गयी ,हालाँकि इन मकानों को पहली बार मिटटी की ईटों से बनाया गया था | उस समय एक मानव के पास एक माकान होता था उसकी हरेक पत्नी आसपास के मकानों में अपने बच्चों के साथ रहती थी | बस्ती के चारो तरफ की एक दिवार और शायद पत्थर का एक टावर होता था यह दिवार बाढ़ से बचाने या जानवरो को बड़े में बंद करके रखने की तरह आसपास के समूहों से बचाने का काम करती थी |
वास्त -जानवरो की खाल से बने होते थे जैसा की बड़े पैमाने पर मिली हड्डी और सींग की सुइयों से पता चलता है जो कपड़ो की बजाय चमंडो को सिलने के किये अधिक अनुकूल है | इस बात का संकेत मिलता है की खुदाई में प्रप्राप्त छिद्रयुक्त पत्थरो का इस्तेमाल शायद छुरी या छल्ले करघे के वजन के रूप में किया जाता था |
संस्कृतियो और स्थलों की सूचि -
१. एजिलियन संस्कृति
२. बाल्कन मेसोलिथिक संस्कृति
३. कैकैप्सियन संस्कृति
४. फोसना -हेन्सबके संस्कृति
५. हेरिफीसियन संस्कृति
६. केबारन संस्कृति
७. जोमोन संस्कृति
८. कौंसा संस्कृति
९. कुंडा संस्कृति
१०. नेतूफियन संस्कृति
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