अमेरिका को प्रथम विश्व -युद्ध में शामिल होने का मुख्य कारण -
1914 ई० में यूरोप के अंदर प्रथम महायुद्ध भड़क उठा | यह युद्ध आरम्भ में अमेरिका से सम्बन्ध नहीं था | परन्तु शीघ्र ही अमेरिका को इसके आर्थिक और राजनीतिक प्रभावों का अनुभव होने लगा | अमेरिकाी उद्योग जो इधर मंदी के दौर से गुजर रहे थे ,1915 ई० के मित्र राष्ट्रों द्वारा सामग्री की मांग के कारण फिर से फैलने -फूलने लगे | विश्व -युद्ध से संग्लन दोनों पक्ष अपने प्रचार द्वारा अमेरिकी जनता को उकसाने के लिए प्रयत्नशील थे | ब्रिटेन और जर्मनी दोनों ही समुन्द्र में अमेरिकी जहाजरानी विरुद्ध ऐसी कार्यवाहियाँ कर रहे थे | जिनका विल्सन प्रशासन में तीव्र विरोध किया | धीरे-धीरे अमेरिकी और जर्मनी के बीच फिर विवाद उभर कर सामने आने लगा | फ़रवरी 1915 ई० में जर्मनी सेना नायको ने यह घोषणा कि की वे ब्रिटिश द्वीप -समूह के आस-पास समुन्द्र में स्थित सभी वाणिज्य पोतों को नष्ट कर देंगे | राष्ट्रपति विल्सन ने यह चेतावनी दी की संयुक्त राज्य समुन्द्र पार व्यापार करने के अपने परम्परागत अधिकार को नहीं छोड़ सकता | उसने यह घोषणा की कि यदि किसी भी अमेरिका ी जलयान अथवा जीवन को हानि हुई तो संयुक्त राज्य निशिचत रूप से इसके लिए जर्मनी को उत्तरदायी ठहरायेगा | इसके बाद 1915 ई० के बसंत में जब लूजितेनिया नामक ब्रिटिश जलयान 1200 व्यक्तियों सहित ,जिसमे 128 अमेरिकी भी थे डूबा दिया गया ,तो अमेरिकी का क्रोध और भड़क उठा | युद्ध कालीन तनावों के कारण राष्ट्रपति विल्सन की नितियो में असंगतियाँ उत्पन्न हो गई | यढ्पि कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति शांति के लिए विलसन से अधिक दृढ संकल्प नहीं था,परन्तु पनडुब्बी युद्ध में जर्मनी की नसंसाता को देखकर उसको तह विश्वास हो गया की जर्मनी की विजय से यूरोप में सैन्यवाद की स्थापना होगी जो अंत में अमेरिकी सुरक्षा के खतरा सिद्ध होगी |
जर्मन सरकार आश्वासन - 4 मई 1916 ई० को जर्मन सरकार ने यह वचन दिया की अमेरिका मांग के अनुसार ,पनडुब्बी-संग्राम को सीमित कर दिया जायेगा | उस समय ऐसा परतीत हुआ की समस्या हल हो गयी है |
विल्सन के उस वर्ष पुनः निर्वाचित होने का एक कारण उसके दल का इस बारे में प्रभाव था की उसने हमे युद्ध से अलग रखा है | जनवरी 1917 ई० में सीनेट के समक्ष भाषण करते हुए विल्सन ने विजयहीन शांति की मांग की क्योकि उसने अनुसार ऐसी संधि स्थायी हो सकती थी |
युद्ध की घोषणा -विल्सन की आदर्शवादी और नैतिक सिद्धांतों का युद्द की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा | उसके द्वारा विजयहीन शांति की घोषणा के नौ दिन पश्चात् जर्मन सरकार ने यह सूचना दी की वह पनडुब्बी संग्राम को बिना किसी प्रतिबंध के पुनः आरम्भ करेगा |
पाँच अमेरिकी जलयान डुबाये जाने के बाद ,2 अप्रैल 1917 ई० को विल्सन ने कांग्रेस से युद्ध की घोषणा करने की माँग की | इसके बाद तुरंत ही अमेरिकी सरकार ने अपने सैनिक साधनो और अपने उद्योगों ,श्रमिकों तथा कृषको को युद्ध में शामिल होने की दृष्टि से संगठित करना आरम्भ कर दिया | अक्टूबर 1918 ई० तक १७५०००० से भी अधिक अमेरिकी सैनिक फ्रांस में पहुंचाया गया था |
पनडुब्बीयों द्वारा तटबंदी की गई थी ,उसे तोड़ने के लिए अमेरिकी नौ सेना ने सहायता ब्रिटिश सेना को दी वह निर्णायक सिद्ध हुई | 1918 ई० की गर्मियों में अमेरिकी सेना ने युद्ध -स्थल में भाग लिया | नवम्बर में 10 लाख से भी अधिक अमेरिकी सैनिको ने म्यूज अर्गान के आरम्भ में महतवपूर्ण भूमिका ऐडा की और जिन हिंदनवार्ग रेखा पर जर्मनी को गर्व था ,उसे तोड़ दिया | विल्सन ने मित्र राष्ट्रों के उद्देश्य को स्पार्ट करते हुए यह घोषणा की कि यह युद्ध जर्मन जनता के विरुद्ध नहीं है अपितु वहॉँ की निरंकुश सरकार के विरुद्ध हैं | इस घोषणा ने युद्ध को शीध्र समाप्त करने में बड़ा योगदान दिया | जनवरी 1918 ई० को विल्सन ने ,न्यायपूर्ण संधि के आधार के रूप में सीनेट के समक्ष चौदह सूत्र प्रस्तुत किए | इन सूत्रों की प्रमुख बातें निम्न प्रकार थी ,
- गुप्त अन्तराष्ट्रीय समझौतों की समाप्ति,
- समुन्द्रों में स्वतंत्रता की गारंटी,
- राष्ट्रों के बीच आर्थिक व्यवधानो का निराकरण,
- उपनिवेश के निवासियों के हितों का ध्यान रखते हुए उपनिवेशी दावों की और विशेष ध्यान,
अन्य सूत्रों के अंतर्गत यूरोपीय राष्ट्रों को स्वशासन और निवार्ध के प्रमुख अंग थे | इसमें राष्ट्रों के एक संघ का निर्माण कर ,बड़े तथा छोटे राष्ट्रों को समान राजनीतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की पारस्परिक प्रत्याभूति देने की व्यवस्था की गई थी |
विराम संधि - 1918 ई० की गर्मियों में जब जर्मिनी की सेनाये पीछे हटती जा रही थी,तब जर्मन सरकार ने विल्सन से प्राथना की कि वह अपने चौदह सूत्रों के आधार पर संधि वार्ता आरम्भ करे | जब विल्सन इस बात से आश्वस्त हो गया की यह प्राथना जनता के प्रतिनिधियों की है,तब विसं ने मित्र राष्ट्रों से परामर्श किया | मित्र राष्ट्रों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया | इस आधार पर 11 नवम्बर को अस्थाई विराम-संधि हुई |