हज़ारीबाग़ (झारखण्ड,इंडिया )
भारत में एक खुबसुरत राज्य झारखण्ड का एक प्रान्त एक जिला हज़ारीबाग़ है जिसका क्षेत्रफल लगभग 4302 वर्ग किमी का है | यहां की कुल जनसंख्या 1734495 है जो की 2011 की जनगणना के अनुसार है जनसँख्या की बढ़ती दर 20.65 % है | 1886 ई० को हज़ारीबाग़ को स्थापित किया गया था | हजार बागो वाला यह दो शब्द से मिलकर बना हुआ है | हज़ारीबाग़ जिला में पर्यटन स्थलो में से एक हज़ारीबाग़ झील प्रमुख है जहां पर बाहर से नौका का आनंद ले सकते है | हज़ारीबाग़ में बहुत से वन्य जीव प्राणी ,जंगल ,पहाड़ झरना ,नदियाँ ,मंदिर ,झील नेशनल पार्क ,केनरी हील कोनार डैम ,तथा बहुत से पर्यटल स्थान है |
सुविधायें :-NH33 सड़क मार्ग , हवाई अडडे ,रेलमार्ग ,कारावास -:
भारत में एक खुबसुरत राज्य झारखण्ड का एक प्रान्त एक जिला हज़ारीबाग़ है जिसका क्षेत्रफल लगभग 4302 वर्ग किमी का है | यहां की कुल जनसंख्या 1734495 है जो की 2011 की जनगणना के अनुसार है जनसँख्या की बढ़ती दर 20.65 % है | 1886 ई० को हज़ारीबाग़ को स्थापित किया गया था | हजार बागो वाला यह दो शब्द से मिलकर बना हुआ है | हज़ारीबाग़ जिला में पर्यटन स्थलो में से एक हज़ारीबाग़ झील प्रमुख है जहां पर बाहर से नौका का आनंद ले सकते है | हज़ारीबाग़ में बहुत से वन्य जीव प्राणी ,जंगल ,पहाड़ झरना ,नदियाँ ,मंदिर ,झील नेशनल पार्क ,केनरी हील कोनार डैम ,तथा बहुत से पर्यटल स्थान है |
सुविधायें :-NH33 सड़क मार्ग , हवाई अडडे ,रेलमार्ग ,कारावास -:
NH 33-द्वारा राष्ट्रीय राज मार्ग NH 33 से यहां बहुत आसानी से पंहुचा जा सकता है ।यह NH -100 ,NH -33 के जीटी रोड से जुड़ा है ।चतरा से NH -100 , जमशेदपुर से रांची NH -33 से यहां पहुंचा सकता है । राजकीय राजधानी से डेढ़ घंटे में बसों के द्वारा पंहुचा जा सकता है । चार लाइन की सड़क होने से यात्रा का भरपूर आनंद ले सकते है । सडक मार्ग घाटियों तथा पहाड़ो हुये जाने के सफर में कई आराम तथा आनंद लेते हुये जा सकते है । आदिवासी संस्कृति झलक कई जगह आपको देखने के लिए मिल जाएगी | सड़क मार्ग से कई बड़े-बड़े नदियां, तालाब देखने को मिलता है । हज़ारीबाग़ पहुंचना अब बहुत आसान हो गया है |
हवाई अड्डे -हवाई अड्डे से भी हज़ारीबाग़ से भारत के दूसरे राज्य में आवागमन कर सकते है |
रेलमार्ग -रेलमार्ग से हज़ारीबाग़ पंहुचा जा सकता है,रांची -वाराणसी एक्सप्रेस ,मुरी एक्सप्रेस, शक्तिपुंज एक्सप्रेस ,यह सभी रैलगाडियाँ से पर्यटक आसानी से पहुंचा जा सकता है | यह रैलगाडियां हज़ारीबाग़ रेलवे स्टेशन होकर गुजरती है |
कारावास -हज़ारीबाग़ में सबसे पुरानी सेंट्रल कारावास (जेल) है | 1942 ई० को आजादी के आंदोलन कई स्वतंत्रता सेनानियों को बंधक रखा गया था गया था |
सूर्य कुण्ड - हज़ारीबाग़ के कटकम सांडी ब्लॉक के पास सूर्य कुंड जल प्रपात स्थित है जो की बहुत पुराणी है और 14 जनवरी से प्र्तेक वर्ष बहुत बड़ा मेला लगता है | जो की 15 दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है लाखो की संख्या में उस सूर्य कुंड की पानी से स्नान करते है |
सूर्य कुंड की पानी 80० C तक गर्म रहती है | |
माँ काली मंदिर- हज़ारीबाग़ में बहुत से धार्मिक स्थल है जो छड़वा डेम के पास बहुत ही भव्य माँ काली का मंदिर है जो की पुरे झारखण्ड में प्रसिद्ध है और यह मंदिर में रोज हजारो की संख्या में माँ काली की दर्शन करने बहुत से दूर से पर्यटक आते है |
हज़ारीबाग़ की मुख्य पहाड़ों में चाँदवारा और जिलीज़ा है उनकी ऊंचाई क्रमश:2816 और 3057 फीट है | हज़ारीबाग़ जिले की मुख्य नदियाँ दामोदर और बराकर नदी हैं | इस जिले के लगभग 45 % वन क्षेत्र हैं इस जिले के वन क्षेत्र औषधीय पौधों तथा पेड़ों से भरा है |
लापरवाही के कारण वे विलुप्त होने के कगार पर है | चीते ,भालू ,सियार ,सूअर ,आदि स्वतंत्र रूप से जंगलो में चले जाते है सदियों के मौसम में कई विदेशी पंक्षी का आना जाना होता है | प्राचीन समय से इस क्षेत्र पहाड़ो से ढका होने से हज़ारीबाग़ के रूप से जाना जा रहा है |
महाभारत के समय ,मगध क्षेत्र के राजा जरासंध ने इस क्षेत्र पर शासन किया था | धार्मिक द्रृष्टि से हज़ारीबाग़ जिले का बहुत महत्व रहा |
स्वतंत्रता आंदोलन - इस जिले ने भी स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई है | 1857 में रामगढ बटालियन ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया | 1920 के असहयोग आंदोलन ने स्थानीय लोगों की
भावनाओ को काफी आहत किया | महात्मा गाँधी ने भी 1925 ई० में हज़ारीबाग़ का दौरा किया |
शिक्षा- हज़ारीबाग़ की अगर शिक्षा की बात करें तो हज़ारीबाग़ के झारखण्ड राज्य की दो सबसे बड़े विश्व विधालय है ,विनोभा भावे विश्व विश्वविद्यालय ,आईटीआई कॉलेज ,लॉ कॉलेज ,साइंस कॉलेज ,कॉमर्स कॉलेज ,मार्खम कॉलेज ,केबी विमेंस कॉलेज ,ST . COLUMBS कॉलेज है |
कृषि - हज़ारीबाग़ में बड़ी संख्या में कृषि के लिए लोगों ने कृषि गतिविधिया में लगे हुए है | धान ,मक्का ,गेहूं ,तेल के बीज आदि की खेती आम है | लोग या तो कृषि मजदूरों या किसानों के रूप में काम कर रहे है | खरीब और रब्बी मुख्य कृषि मौसम है | हज़ारीबाग़ में फसलों की अच्छी उपज के लिए कर्म उत्सव मनाया जाता है |
उद्योग धंधो - हज़ारीबाग़ में बहुत से बड़े बड़े राइस मिल तथा सीमेंट की फैक्ट्री है जो की गरीब मजदूरों के लिए बहुत ही कमाने तथा अपना भरण -पोषण का मुख्य स्रोत है | हज़ारीबाग़ फैक्ट्री से दूसरे राज्यों में सीमेंट तथा और भी कई प्रकार के खनिज ग्रेनाइट, मिटटी ,बालू , लोह अयस्क काफी मात्रा में पाई जाती है |
https://rahulhb.blogspot.com/2020/04/blog-post.html
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हवाई अड्डे -हवाई अड्डे से भी हज़ारीबाग़ से भारत के दूसरे राज्य में आवागमन कर सकते है |
रेलमार्ग -रेलमार्ग से हज़ारीबाग़ पंहुचा जा सकता है,रांची -वाराणसी एक्सप्रेस ,मुरी एक्सप्रेस, शक्तिपुंज एक्सप्रेस ,यह सभी रैलगाडियाँ से पर्यटक आसानी से पहुंचा जा सकता है | यह रैलगाडियां हज़ारीबाग़ रेलवे स्टेशन होकर गुजरती है |
कारावास -हज़ारीबाग़ में सबसे पुरानी सेंट्रल कारावास (जेल) है | 1942 ई० को आजादी के आंदोलन कई स्वतंत्रता सेनानियों को बंधक रखा गया था गया था |
सूर्य कुण्ड - हज़ारीबाग़ के कटकम सांडी ब्लॉक के पास सूर्य कुंड जल प्रपात स्थित है जो की बहुत पुराणी है और 14 जनवरी से प्र्तेक वर्ष बहुत बड़ा मेला लगता है | जो की 15 दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है लाखो की संख्या में उस सूर्य कुंड की पानी से स्नान करते है |
सूर्य कुंड की पानी 80० C तक गर्म रहती है | |
माँ काली मंदिर- हज़ारीबाग़ में बहुत से धार्मिक स्थल है जो छड़वा डेम के पास बहुत ही भव्य माँ काली का मंदिर है जो की पुरे झारखण्ड में प्रसिद्ध है और यह मंदिर में रोज हजारो की संख्या में माँ काली की दर्शन करने बहुत से दूर से पर्यटक आते है |
हज़ारीबाग़ की मुख्य पहाड़ों में चाँदवारा और जिलीज़ा है उनकी ऊंचाई क्रमश:2816 और 3057 फीट है | हज़ारीबाग़ जिले की मुख्य नदियाँ दामोदर और बराकर नदी हैं | इस जिले के लगभग 45 % वन क्षेत्र हैं इस जिले के वन क्षेत्र औषधीय पौधों तथा पेड़ों से भरा है |
लापरवाही के कारण वे विलुप्त होने के कगार पर है | चीते ,भालू ,सियार ,सूअर ,आदि स्वतंत्र रूप से जंगलो में चले जाते है सदियों के मौसम में कई विदेशी पंक्षी का आना जाना होता है | प्राचीन समय से इस क्षेत्र पहाड़ो से ढका होने से हज़ारीबाग़ के रूप से जाना जा रहा है |
महाभारत के समय ,मगध क्षेत्र के राजा जरासंध ने इस क्षेत्र पर शासन किया था | धार्मिक द्रृष्टि से हज़ारीबाग़ जिले का बहुत महत्व रहा |
स्वतंत्रता आंदोलन - इस जिले ने भी स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई है | 1857 में रामगढ बटालियन ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया | 1920 के असहयोग आंदोलन ने स्थानीय लोगों की
भावनाओ को काफी आहत किया | महात्मा गाँधी ने भी 1925 ई० में हज़ारीबाग़ का दौरा किया |
शिक्षा- हज़ारीबाग़ की अगर शिक्षा की बात करें तो हज़ारीबाग़ के झारखण्ड राज्य की दो सबसे बड़े विश्व विधालय है ,विनोभा भावे विश्व विश्वविद्यालय ,आईटीआई कॉलेज ,लॉ कॉलेज ,साइंस कॉलेज ,कॉमर्स कॉलेज ,मार्खम कॉलेज ,केबी विमेंस कॉलेज ,ST . COLUMBS कॉलेज है |
कृषि - हज़ारीबाग़ में बड़ी संख्या में कृषि के लिए लोगों ने कृषि गतिविधिया में लगे हुए है | धान ,मक्का ,गेहूं ,तेल के बीज आदि की खेती आम है | लोग या तो कृषि मजदूरों या किसानों के रूप में काम कर रहे है | खरीब और रब्बी मुख्य कृषि मौसम है | हज़ारीबाग़ में फसलों की अच्छी उपज के लिए कर्म उत्सव मनाया जाता है |
उद्योग धंधो - हज़ारीबाग़ में बहुत से बड़े बड़े राइस मिल तथा सीमेंट की फैक्ट्री है जो की गरीब मजदूरों के लिए बहुत ही कमाने तथा अपना भरण -पोषण का मुख्य स्रोत है | हज़ारीबाग़ फैक्ट्री से दूसरे राज्यों में सीमेंट तथा और भी कई प्रकार के खनिज ग्रेनाइट, मिटटी ,बालू , लोह अयस्क काफी मात्रा में पाई जाती है |
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